National Flag Code (2002): राष्ट्रीय ध्वज हमुरी देश का गौरव है। ये सभी भारत निबासियो की आशाओं को represent करता है. राष्ट्रीय ध्वज संहिता के नियमानुसर कोई भी आम आदमी को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अधिकार नहीं है।
आपको नहीं फ़हराना:
कुछ लोग जोश में आके ये सब अनजाने में नियमो का उल्लंघन करते हैं। लेकिन ये आपको मोसिबत में फंसा सकती है। तो कृपया वाहनों में झंडे न फहराएं.
कौन कौन लगा सकता है फ़िर?
हर कोई तिरंगे को अपने वाहन पर नहीं लगा सकता। ये अधिकार सिर्फ कुछ जीनेचुने लोगो को दिया जाता है, जैसे राज्य मंत्री, प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री न्यायाधिश इत्यादी।
भारत की दुखद हकीकत:
15 अगस्त को जनता स्वतंत्रता दिवस को बहुत ज़ोरो से मनाती है, चारो तरफ हमरा गर्व हमरा तिरंगा लहराया जाता है। पर उसके अगले ही दिन हम देखते हैं कि हमुरा विहो "गर्व" हमारा "तिरंगा" रस्तो पे नालों पे पड़े हुए हैं। लोग ऐसा क्यों करते हैं? क्या वो तिरंगे का सम्मान नहीं करती? नहीं! ऐसा नहीं है, हर एक भारतवासी भारत के तिरंगे को सम्मान करता है। पर उन्हें ये पता नहीं कि तिरंगे को सम्मान सहित डिस्पोज़ कैसे करें। आईएस न्यूज़ आर्टिकल का उद्देश्या लोगो को जागरूक करना है कि स्वतंत्रता दिवस के बाद क्षतिग्रस्त झंडों का निपटान कैसे करें। आइए जानते हैं.
झंडे को सम्मान के साथ निपटान कैसे करें?
तिरंगे को सही से डिस्पोज़ करने के 2 तरीके हैं। एक तिरंगे को एक गुप्त और गरिमामय जगह पर और दो गरिमामय निजी जगह पर झंडे को जलाना।
दफनाने का तरीका: आप अपनी किसी निजी और गरिमामय जगह पर एक लकड़ी के बक्से के अंदर क्षतिग्रस्त झंडों को रख कर उसे मिट्टी में दफना दीजिए।
झंडे का दहन समारोह: उसी दफनाने की जगह की तरह ही किसी निजी और गरिमामय जगह पर झंडे को सम्मानपूर्वक मोड़कर उसे जलाएं और उसकी राख को दफन करें।